बिज़नेस न्यूज़ टुडे, दुनिया: Pakistan Beggars News, आज की दुनिया में पाकिस्तान की सरकार कटोरा लेकर घूमने के लिए बदनाम है, लेकिन अब उनके भिखारियों ने अपनी दुश्मनी को और भी तेज किया है. खाड़ी देशों में पाकिस्तानी भिखारियों की बढ़ती संख्या ने खाड़ी देशों को परेशान कर दिया है। आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें।
भिखारियों का एक समूह पकड़ा गया
पाकिस्तान की केंद्रीय जांच एजेंसी ने हाल ही में सऊदी अरब जा रहे (Pakistan Beggars) भिखारियों का एक समूह पकड़ा है। इस समूह में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। ये भिखारी आमतौर पर उमरा वीजा पर सऊदी अरब पहुंचते हैं और फिर वहां भीख मांगने का काम शुरू कर देते हैं। इस तरह के गतिविधियों को रोकने के लिए खाड़ी देशों ने एक तय कदम उठाया है।
भिखारियों का ग्रुप काम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भिखारी बनाकर दूसरे देशों में बच्चों को भेजने का काम चल रहा है। इसके पीछे एजेंट्स का ग्रुप काम कर रहा है, जो इन लोगों को सऊदी अरब के पवित्र शहर में जाने में मदद करते हैं। यहां ये लोग पवित्र शहर में भीख मांगने का काम करते हैं। इस अपराधी ग्रुप को पकड़ने का मुख्य उद्देश्य है विदेशी भिखारियों को रोकना और उनको सजा दिलाना है।
भिखारियों का गिरफ्तार
मुल्तान एयरपोर्ट पर पकड़े गए भिखारी ग्रुप के सभी सदस्य पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के साहीवाल जिले के रहने वाले हैं। इमीग्रेशन प्रक्रिया के दौरान एफआईए ने उनसे पूछताछ की, और तब पता चला कि वे सऊदी अरब में भीख मांगने जा रहे थे। उन्होंने बताया कि उन्हें भीख मांगने से होने वाली कमाई का आधा हिस्सा उनकी यात्रा व्यवस्था में शामिल एजेंटों को देना होगा। उमरा वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें पाकिस्तान लौटना था, लेकिन इस बार उनकी यात्रा का अंत एयरपोर्ट पर हो गया।
पाकिस्तानी भिखारियों की संख्या
हाल ही में पाकिस्तान संसद ने खुलासा किया है कि बड़ी संख्या में लोग भीख मांगने के लिए खाड़ी देशों में भेजे जाते हैं। अवैध चैनलों के माध्यम से उन्हें विदेशों में तस्करी किया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन भिखारियों में से 90% भिखारी पाकिस्तानी हैं। इन लोगों का प्रमुख लक्ष्य सऊदी अरब की ग्रैंड मस्जिद और उसके आसपास के इलाकों में भीख मांगना होता है। सऊदी की जेलों में भी पाकिस्तानी भिखारियों की संख्या सबसे ज्यादा है।
इस असभ्य गतिविधि की बढ़ती संख्या के साथ, पाकिस्तानी भिखारियों का असर खाड़ी देशों में बढ़ रहा है। खाड़ी देशों ने उन पर तंग आने का शिकंजा कसा है और विदेशी भिखारियों को पकड़ने के लिए कठिन कदम उठाए हैं।